बोधगया 01 दिसंबर (वार्ता) भगवान बुद्ध की पावन ज्ञान भूमि बोधगया स्थित विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर में 17वां अंतर्राष्ट्रीय त्रिपिटक सुत्तपाठ कल से आरंभ होगा। बोधगया के कालचक्र मैदान में सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। कालचक्र मैदान में भव्य पंडाल बनाया गया है। इस कार्यक्रम में विश्व के नौ देशों के लगभग चार हजार बौद्ध धर्मगुरु एवं श्रद्धालु शामिल होंगे। कालचक्र मैदान में आकर्षक मंच तैयार किया गया है।
इस सुत्तपाठ में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शामिल होंगे। इसके अलावा बिहार के राज्यपाल के भी कार्यक्रम में शामिल होने की सूचना है। कार्यक्रम का शुभारंभ दो दिसंबर को अहले सुबह आठ बजे से शोभायात्रा के साथ होगा। शोभायात्रा के दौरान संस्कृतिक कार्यक्रम की भी प्रस्तुति होगी। शोभायात्रा में शामिल बौद्ध धर्मगुरु, लामा व श्रद्धालु कालचक्र मैदान से विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर तक जाएंगे। यह सुत्तपाठ दो सत्रों में संचालित होगा।
पहला सत्र सुबह 7 बजे से 11 बजे और दूसरा सत्र 1:30 से 5 बजे तक चलेगा। अमेरिका से आए एक बौद्ध भिक्षु ने बताया कि इस बार 17वां अंतर्राष्ट्रीय त्रिपिटक सुत्तपाठ का आयोजन भव्य तरीके से किया जा रहा है. जिसमें विश्व के कई देशों के हजारों श्रद्धालु शामिल होंगे। इसका मुख्य उद्देश्य विश्व शांति एवं मानवता का कल्याण है। मुख्य रूप से थेरवाद परंपरा को मानने वाले नेपाल, थाईलैंड इंडोनेशिया, कंबोडिया, श्रीलंका, भारत, वियतनाम सहित अन्य कई देशों के बौद्ध श्रद्धालु शामिल होंगे।
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